जन्नत के सपने न देखो, जहन्नुम में पहुंचाएंगे।
तुमने पीठ पे वार किया, हम घर में घुस के मारेंगे।।
धर्म कौन-सा है अपना, तुमसे से ही बुलवाएंगे।
धरती सजेगी लहू से अब, मोमबत्ती हम न जलाएंगे।।
जिन आंखों में देखे आसूं, उन आँखों में चिंगारी होगी।
गोलियों- बंदूकें हमारी होंगी, चीख तुम्हारी होगी।।
रूह भी से दर्द से काँपेंगी, अल्लाह से मौत ही मांगेगी।
पहले परिणाम को सोचेगी, हिंसा जहां भी जागेगी।।
#WeWantAMilitaryStrike